कहाँ से शुरू करू
दोस्ती के मतलब बताना
थाम ले जो हाथ
बिन मेरे कुछ बोले
वो है असली दोस्त
कहाँ से शुरू करू
दोस्ती की दहलीज़
पर खड़े हो कर
बिन वादा किये
हर वादे को निभा जाना
सच कहू तो वो है असली दोस्त
पर ये सब तो और भी रिश्तों में
शायद मिल भी जाये
पर जो स्कूल के दिनों में
लंच गलती से छूट जाने पर
अपनी लंच बॉक्स आगे कर
ये कह देना की देखो
आज मम्मी ने तुम्हारे
पसन्द की सब्जी बनाई है
बस सारी बाते साइड मेंदोस्त की बात मान कर
दो मिनट में लंच खत्म कर देना
यही है असली दोस्ती निभाना
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