Tuesday, December 5, 2017

इश्क़ को अक्सर देखा है हमने

इश्क़ को अक्सर देखा है हमने
आँखों के झीलों से झड़ते हुए
कभी मुझ पर गिरते हुए
कभी पलकें भिंगोते हुए
इश्क़ को अक्सर देखा है हमने


नेहा "अमृता"

दोस्ती

  कहाँ से शुरू करू  दोस्ती के मतलब बताना थाम ले जो हाथ  बिन मेरे कुछ बोले वो है असली दोस्त कहाँ से शुरू करू दोस्ती की दहलीज़  पर खड़े हो कर  ब...